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सुस्वागतम

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June 22, 2012

मेरी मृगनयनी



बिटिया से दीदी बनने में लगे पांच साल

दीदी से प्रेयसी बनने में लगे बीस साल 

प्रेयसी से पत्नी बनने में लगे चौबीस साल

मां बनने में लगे पच्चीस साल

मां से सास बनी जब हुए चौप्पन साल 


और अब दादी का संबोधन सुन रही हूँ-सत्तावन साल

 :)

दुनिया में पहला कदम, स्वजनों से मिलती पहली बार,



मेरे घर आयी एक नन्हीं परी

ओपरेशन थियेटर से बाहर आते ही सब की छवि अपने मन में  उतारने को आतुर 

कुछ सोच विचार करती मुंह में उंगलिया दबाये

उसे देखते ही मन ने कहा 'मृगनयनी'

माता पिता ने नाम रखा 'तानिशका'

हाथों से किताबें फ़िसल गयी हैं, 

कंप्युटर और माउस धूल खा रहे हैं 

पहली बार है कि कॉलेज छूटने की घंटी का इंतजार रहता है।

घंटी बजी और हम फ़ुर्रर

            


     
आयु - तेरह दिन