ब्लोगी कीड़ा काट गया
एक बार अजीत जी ने शिकायत की थी कि हमने अपने बारे में इतनी बक बक की बकलम खुद पर फ़िर भी अपने पतिदेव के बारे में कुछ नहीं कहा, यहां तक की उनका नाम तक नहीं बताया, एक और ब्लोगर भाई ने सोचा कि शायद हम इतने पुराने जमाने के हैं कि पतिदेव का नाम नहीं लेते(हा हा)। लेकिन विनोद जी के बारे में कुछ कहने का मौका तो होना चाहिए था, सो आज वो मौका मेरे हाथ लगा है।
हुआ यूं कि परसों रात विनोद जी को ब्लोगी कीड़ा काट गया। उन्हों ने इच्छा जाहिर की कि वो भी अब अपना ब्लोग बनाना चाह्ते हैं । मुसीबत ये हैं कि वो भी टेकनॉलोजी चैलेंजड हैं और समय की कमी से त्रस्त। पर इसके पहले की बात आयी गयी हो जाती हम ने सोचा कि मेरे ही ब्लोग पर एक पारिवारिक पोस्ट क्युं न हो जाए(आइडिया ज्ञान जी से चुराया है॥:))। विनोद जी के बारे में थोड़ा परिचय देती चलूं। विनोद जी काफ़ी विनोदी प्रकृति के हैं पर दूसरों से घुलने मिलने में थोड़ा वक्त लेते हैं, काफ़ी अच्छा लिखते हैं (ये सिर्फ़ मैं नहीं कहती),अच्छे चित्रकार हैं और फ़ोटोग्राफ़ी का खूब शौक है। बड़े घुमंतरु हैं, हर इतवार को जहां हम घर पर ही आराम करना चाहते हैं वहीं ये गाड़ी उठा के मीलों दूर के चक्कर लगाना चाह्ते हैं। रेलगाड़ी से सफ़र करना हो तो हम साथ में किताबों का बड़ा सा पुलिन्दा ले कर चलते हैं और विनोद पढ़ने के शौकीन होने के बावजूद रेलगाड़ी में किताब की तरफ़ नजर उठा कर भी नहीं देखते, खिड़की के बाहर के नजारे इन्हें ज्यादा लुभाते हैं।
यहां उनकी खीचीं कुछ फ़ोटोस दिखा रही हूँ। अपने आस पास फ़ैली आम सी दिखनी वाली चीजें भी उनके कैमरे की आँख से कुछ अलग ही दिखने लगती हैं इसका ये नमूना है। ये फ़ोटोस परसों रात को खीचीं गयी हैं और सिर्फ़ हॉल में रखी वॉल युनिट की हैं।
वॉल युनिट
वॉल युनिट पर रखे गणपती जी
फ़ूलदान के फ़ूल
अगर आप को ये पोस्ट पसंद आयी तो पारिवारिक पोस्ट का सिलसिला आगे बढ़ायेगें।
21 comments:
सिलसिला आगे बढ़ाइये। आपने तो बात शुरू करते ही खतम कर दी। फोटो अच्छे हैं। विनोद जी की पोस्ट पढ़वाइये।
बस आपने इत्ता सा ही लिखा. विनोद जी का ब्लॉग वनवाइये,उनकी पोस्ट पढ़्वाइये और थोड़ा ज्यादा बक बक किया कीजिये.इत्ते में मन नहीं भरता. फुरसतिया जी से प्रेरणा लें.
विनोद जी का तालियों के साथ स्वागत है. तस्वीर तो बढ़िया है मगर उनकी लेखनी और बेहतरीन होगी, ऐसा मेरा विश्वास है. आखिर रेलगाड़ी से बाहर टिकुर टिकुर ताकने का शौक हम जैसा जो है.
किताब पढ़ने के लिये तो और बहुत मौके होते हैं. :)
इन्तजार है विनोद जी की पोस्ट का. शुभकामनाऐं.
जारी रहिए। विनोदजी का स्वागत है।
गणपति बप्पा मोरैया........वाह, वाह, अनिता जी, पारिवारिक पोस्ट की शुरूआत भी हुई और वह भी गणपति जी के दर्शनों के साथ......तो इतना तो तय ही समझें कि आप का यह प्रयास तो सफल क्या बेहद सफल हुया समझें। विनोद जी की विनोदिता के बारे में जान कर खुशी हुई। अच्छा है उन्होंने ब्लोग बनाने की सोची है....मैंने तो आप का 3फरवरी( डेट ठीक लिख रहा हूं ना) का कार्यक्रम सुन कर ही यह सुझाव दिया था।
बढिया है , ...बधाईयां।
विनोदजी आकर्षक व्यक्तित्व के धनी प्रतीत होते हैं।उनका खैरम कदम हो।
ये बेईमानी है.. इतना कुछ आपने बताया और अंत में बस उनके लिये हुये चित्र दिखा कर छोड़ दिये.. अब आज ही उनका लिखा कुछ पढवाईये नहीं तो हम रूठ जायेंगे.. :(
पसंद..अरे हमें तो विनोद जी और उनकी रुचीयाँ दोनों भा गयीं...आप अगर मेरे मोबाइल से खींची आप दोनों की फोटो भी इस पोस्ट पर लगा देती तो और भी मज़ा आता..खैर अगली पोस्ट में लगईये गा..और हाँ अब उनके बारे में पढ़ कर उनसे मिलने और बातचीत की इच्छा बहुत तीव्र हो चली है...बोलिए उनको की कार उठाएं और खोपोली चले आयें, घूमने का घूमना और मिलने का मिलना दोनों काम एक साथ हो जायेंगे...नहीं?
नीरज
अच्छा लगा पढ़कर. फोटो बहुत बढ़िया हैं.
जी सिलसिला बिल्कुल आगे बढाइये, हम इंतज़ार कर रहे हैं.
व्हेरी व्हेरी गुड है जी!1
चलिए कल से एक काम कीजिए, विनोद जी के लिए हफ़्ते मे एक दिन आरक्षित कीजिए अपने ब्लॉग पर और उनसे लिखवाईये और आप खुद पोस्ट कीजिए ब्लॉग पर उसे!!
शुरुआत ऐसे ही करवाईए!
विनोद जी का यहाँ स्वागत है। फोटो बढ़िया हैं।
घुघूती बासूती
जी हां! कम से कम संजीत त्रिपाठी की सलाह पर अमल कर दीजिये - शुरुआत के लिये।
Anita ji Photos are marvellous, Pehli posT me chha gaye Vinod ji yani ke aapke patidev. Ab dekhte hai unke lekh ya rachnaye kya rang dikhlaati hain. Aapka prstutikaran bahut achha laga.
ये तो परिचय भी नहीं हुआ।
स्वागत है विनोदजी का... विनोद जी हिन्दी में लिखेंगे!!
फोटोग्राफी अच्छी करते हैं, पहले भी देख चुके हैं शायद... हैडर में फोटो उन्ही का खींचा हुआ हौ ना?
भई हम तो विनोद जी से मिले हैं ।
विविध भारती पर एक कार्यक्रम में अनीता जी विनोद जी के साथ आईं थीं । तो उनके विनोद भी देख चुके हैं । विनोद जी नाम से ही नहीं स्वभाव से भी विनोदी हैं ।
उनकी पोस्टें हिंदी में हों या अंग्रेजी में
फर्क नहीं पड़ता ।
एक अचछे व्यक्ति का लिखा पढ़ने मिले इससे हमें संतोष होगा
तस्वीरें अच्छी हैं पर एक शिकायत है
क्या वो आपकी तस्वीरें नहीं खींचते ।
अरे आपके रहते यहां वहां की तस्वीरें खींचने की
जरूरत क्या है जी ।
हंय
हा हा हा टेकनिकली चैलेंज्ड ! क्या संज्ञा खोज ली आपने । हम पर भी फिट बैठती है !
;
;
वैसे विनोद जी विनोदी न होते तो बहुत बुरा होता ।
;
;
बढाइये जी सिलसिला आगे धड़ल्ले से ...अपना ही ब्लॉग समझिये ;-)
This was my first shot at a blog, albeit Anita's blog. And I'm overwhelmed by the response. Thanks a million. Now there's no way I 'm going to stay away !!!
Warm regards to all of you.
Vinod.
uncle,
now we will come more close to each other. Why?? the hobbies clashes sir!
आंटी,
जल्दी से और अच्छे फोटोग्राफ़्स लगवाइये ना...
बडे मिया तो बडे मिया (अनिताजी) छोटे मिया (विनोद जी) सुभान अल्लाह !
Post a Comment