23/1/08
मिनाक्षी जी बम्बई में
आज हम मिनाक्षी जी से मिलने बोम्बे हॉस्पिटल गये। वो अपने 21-22 वर्षिय पुत्र, वरुण के साथ आयी हुई हैं उसका इलाज करवाने। उनका पुत्र 13 वर्ष की उम्र से जोड़ो के दर्द से पीड़ित है और असहनीय दर्द से जूझ रहा है। इतने जवान बच्चे को बैसाखियों के सहारे खड़े होते और व्हील चैअर पर बैठते देख दिल रो उठा। मिनाक्षी जी से मैं पहली बार मिल रही थी, यूं तो रोज ही चैट पर बतियाते हैं, पर उन्होने कभी वरुण की बिमारी का जिक्र नहीं किया था, इस लिए देख कर बड़ा धक्का लगा।
हम वहां करीब दो बजे पहुंचे तो देखा दोनों मां बेटा हमारे इंतजार में थे। मां तो मां बेटा भी जिज्ञासु था इस ब्लोगरनी को देखने के लिए। एक दूसरे को देखते ही मन ऐसे खिल गया जैसे हम एक दूसरे को बरसों से जानते हों, सब नेट का कमाल है। गले मिलने के बाद शुरु हुआ बातों का दौर्। वरुण को खास जिज्ञासा इस लिए थी कि मिनाक्षी जी ने उसे बताया था कि हम मनोविज्ञान के प्रोफ़ेसर हैं।
वरुण यूं तो इलक्ट्रोनिक इनजिनियरिंग के लास्ट सेमेस्टर में है, पर उसे मनोविज्ञान में भी काफ़ी रुचि है। हमारे हाथ में एक बड़ा सा थैला था, उनकी जिज्ञासा होना लाजमी था, हमने बताया कि हम एक पुस्तक प्रदर्शनी से आ रहे हैं और कुछ किताबे खरीद कर लाए हैं, सुनते ही वरुण की आखें चमक उठीं। पता चला वो किताबे पढ़ने का बहुत रसिया है, वो उठने की कौशिश करने लगा तो हमने फ़ौरन किताबों का थैला उसके बिस्तर पर रख दिया। उन किताबों में एक किताब शेयर मार्केट पर थी बस वहीं से शेयर का विषय छिड़ गया।
पता चला वरुण शेयर मार्केट में उतरना चाह्ता है पर उसे पता नहीं कि कैसे उतरा जाए, हमें जो भी अधकचरा ज्ञान है उसी के बल पर हम शेखी बघारते रहे और वो बिचारा हम से इम्प्रेस्ड होता रहा। अभी ये बातों का दौर चल ही रहा था कि नर्स आ गयी वरुण को एक्स रे के लिए ले जाना था। बड़े अनमने मन से वरुण उठा, दरवाजे के पास पहुंच मिनाक्षी जी से पूछा आंटी कब तक रहेंगी, हम समझ गये कि अभी उसका मन हमारी बातों से भरा नहीं और उसको डर है कि उसके वापस आने तक हम चले जाएंगें। हमने वादा किया कि हम उसके आने तक रुकेगें, तब वो मुस्कुरा कर व्हील चैअर पर बैठ गया।
उसकी मुस्कुराहट मिनाक्षी को भी आनंदित कर गयी। हमने किसी और ब्लोग पर मिनाक्षी जी के अतिथी सत्कार के बारे में पढ़ा था, वरुण के जाने के बाद उन्हों ने उसी आवभगत का परिचय दिया। हम कहते ही रहे कि आप हॉस्पिटल में हैं और आवभगत की कोई जरुरत नहीं पर वो कहां मानने वाली थी, झट से दुबई से लाई मिठाई और कई प्रकार के व्यंजन हमारे सामने आ गये।
थोड़ी देर में वरुण भी लौट आया, साथ में डाक्टर भी, डाक्टर के जाने के बाद बातों का सिलसिला फ़िर से शुरु हुआ। अब की बार हम स्टुडेंट बने और वरुण मास्टर, हम जानना चाह्ते थे ऐसी कौन सी साइट्स है जहां मुफ़्त में प्रूरी किताब पढ़ी जा सकती हैं, मुफ़तिया है न हम्। वो हमको समझाता रहा कि कैसे उन साइट्स पर जाएं। करते करते शाम के चार बज गये। हम अब लौटना चाहते थे, घर वहां से कोई 40 किलोमीटर की दूरी पर है और हम सुबह से निकले थे। ये हमारी मजबूरी थी वर्ना तीनों में से किसी का मन नहीं भरा था।
वो एक दो घन्टों में ही हम एक दूसरे के साथ ऐसे जुड़ गये कि हमें लग रहा था मानों अपनी बहन को छोड़ कर जा रहे हैं। मिनाक्षी जी ने मना करने के बावजूद जबरन ढेर सारी मिठाई दे कर हमें विदा किया और घर पहुंचते ही फ़ोन पर सलामती की खबर देने को कहा। बहुत अच्छा लगा सुन कर, कई बरसों बाद ऐसी हिदायत सुन रहे थे।
छ: बजे हम घर पहुंचे, पहुंचते ही मिनाक्षी जी को फ़ोन किया, रास्ते में ही हमने मन बना लिया था, उनसे कह दिया कि 25 को फ़िर मिलने आयेगें। फ़ोन पर ही हम मह्सूस कर सकते थे कि उन्होंने सकोंचवश कहा नहीं था पर उनके मन की बात कह रहे थे, उनकी खुशी उनकी आवाज में झलक रही थी।
सच इस हिन्दी ब्लोगरी ने हमारी तो दुनिया ही बदल कर रख दी है। इतने अच्छे अनुभव होने के बाद लगता है कि अगर और ब्लोगर मित्रों से भी मुलाकात हो कितना अच्छा हो। इस पोस्ट को पढ़ने वाले सभी दोस्त बम्बई में आमंत्रित हैं……:)
21 comments:
हमे भी नही पता था पर इस साल की पहली पोस्ट मे वरूण के बारे मे पता चला। वरुण अब कैसा है? आप सब को खिला देखकर मन खिल उठा। मीनाक्षी जी ने त्रिपदम सुनाया कि नही? आप दोनो को सर्वोत्तम ब्लागरो की सूची मे शामिल होने के लिये बधाई।
आशा है वरुण जल्द ही अपने रोग से निज़ात पाएगा। बातचीत का सचित्र विवरण देने का शुक्रिया!
मीनाक्षी जी और वरुण के साथ आपकी मुलाकात समस्त ब्लॉगर परिवार के लिए प्रेरणादायी होनी चाहिए। इसीलिए अक्सर ऐसा लगता है कि ब्लॉगिंग ने मनुष्यता का जैसा नया क्षितिज खोल दिया है। दूसरी अच्छी बात लगी आप सबकी पुस्तकीय रुझान। काश समस्त ब्लॉगर्स एक परिवार के होते, जो संभव नहीं।
कीमती मुलाकात और बेशकीमती विवरण।
भगवान करे वरुण पूर्णत: स्वस्थ हो जाये। और अपने फील्ड आफ एन्डेवर में अच्छी सफलता अर्जित करे।
वरुण को देख कर प्रसन्नता हुई. आशा करता हूं कि वह शीघ्र स्वस्थ होगा. यह विवरण देने के लिए आपका शुक्रिया.
वरुण बेटे को बहुत आशीष व प्यार --
मिनाक्षी जी व आप को देखा
और सारा किस्सा पढा - ऐसे ही लिजती रहें
वरूण के बारे में पहली बार पता लगा। १३ वर्ष की उम्र से ऐसा रोग? किसी को न हो। वरूण जल्दी ठीक हो, हम भी यही चाहते हैं। उस की ज्ञान क्षुधा को प्रणाम।
दो बहनों का मिलन पढ़ कर अच्छा लगा।
वरूण जल्दी स्वस्थ हों शुभकामनाएं । अनीता जी मुंबई की फैलाव के बावजूद जिस तरह आप शहर को नाप लेती हैं वो वाकई काबिले तारीफ है । मीनाक्षी से मिलने हम भी चलेंगे ।
बहुत अच्छा वर्णन.
वरुण शीघ्र स्वस्थ हो यही कामना है.
वरुण शीघ्र स्वस्थ हो यही कामना है।
मिनाक्षी जी और वरुण के साथ बिताये हुए पल यहां लिखकर और फोटो के द्वारा हम तक पहुंचाने का शुक्रिया ।
वाह जी वाह!! आप तो लगातार ब्लॉगर्स से मिल जा रहे हो! बढ़िया है जी बढ़िया!!
शुक्रिया इस विवरण और तस्वीरों के लिए!!
वरूण के लिए शुभकामनाएं
वरूण के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ.
हिन्दी ब्लॉगरों का अपना परिवार सा हो गया है.
मिनाक्षी जी से मुलाकात
अनिता जी सच मै आप ब्लोग रानी ही हो !!!!!!!!!!
सही कहा आपने ! और ऑनलाइन मेल मेलाप के बारे मै सुने तो शयद लोगो की दिमाग मै डेटिंग और chatting ही आता है !! पर आसल चीज तो दोस्ती बढ़ाना होता है नये लोगो से मिलना नई चीजे शिखना है ! पर मिल कितने पाते है कितने दोस्ती निभाते है ! आपकी पर बात ही आलग है आज बहोत ख़ुशी हुई जब दो ऑनलाइन दोस्तों को मिलते देखा !! और वरुण शीघ्र स्वस्थ हो भगवन से यही हमारी कामना है!!!!!!!!
मुलाकात का विवरण अच्छा लगा। वरुण के स्वस्थ होने की कामना और प्रार्थना करता हूं। आज फिर मुलाकात हुई उसकी विवरण पेश किया जाये।
वरुण जल्द ठीक हो यही भगवान से प्रार्थना है...
मैं मिलने की कोशिश करूँगी...किसी दिन आती हूँ..
अनिता दी, आपको तो हम दीदी ही नहीं ब्लॉग रानी , ब्लॉग गुरु मान गए. सुबह से निकली थीं आप उस दिन.... पहले कॉलेज का काम, रास्ते में किताबें खरीदना, फिर अस्पताल पहुँचना...वापिस जाकर अगले दिन का लैक्चर तैयार करने के साथ साथ मुलाकात को पोस्ट का रूप देना.. मान गए आपको.
कमेंटस पढकर अच्छा लगा... मुझे यकीन है कि आप सबकी दुआएँ काम करेंगी. युनुस जी और आभा जी का इंतज़ार करते ही रहे...!
I pray the GOD ALMIGHTY for VARUN to get well soon. Anitaji, you are really a great personality. To go such a long just to meet some blogger friend, and to spare the time from your such a busy schedule, only a few can do it and I hope you may be the first always to do such great tasks of friendship. As rightly said by Vikky, the net friends are taken as granted for chating and dating online only. But you have always proved that you are really widening the relations with friends.......
varnan achchchha laga..Varun k sath dhero.n logo ki duae.n jud gai hai vo shighra hi swasthya ho jayega.
सच कहा आपने अन्तर्जाल ने आपकी ही नहीं हमारी भी दुनिया बदल दी है। ये अलग बात कि हम आपकी तरह खुशकिस्मत नहीं कि अपने नेट फ्रेंडस से रुबरु हो सकें । कोई बात नहीं कभी तो आपसे भी मुलाकात होगी। वरूण के बारें में जान कर दुःख हुआ।भगवान से प्रार्थना है कि जल्दी ही वो ठीक हो जाये।
ब्लागरनी शब्द अच्छा लगा और लोगों ने इसे
ब्लाग रानी कहा तो ये भी बहुत खूब रहा।
Post a Comment