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June 27, 2008

नकुल कृष्णा: एक चमकता सितारा

आजकल परिक्षा परिणाम निकलने का मौसम है, एक एक कर हर क्लास के रिजल्टस निकल रहे हैं और कहीं खुशी कहीं गम। टीचर होने के नाते अक्सर बच्चों के मां बाप से भी पाला पड़ता रहता है। आजकल की कट थ्रोट कंपीटीशन वाली दुनिया में विरले ही ऐसे मां बाप होगें जो अपने बच्चों के कार्यकलाप से पूरी तरह मन से संतुष्ट हों। ऐसे में किसी मां बाप का ये कहना कि हमारा बेटा हमारे घर की शान है कानों में संगीत घोलता है। विश्वनाथ जी एक ऐसे ही भाग्यशाली पिता है। मुझे खुशी है कि विश्वनाथ जी ने मेरा आग्रह स्वीकार कर अपने बेटे के बारे में हमें बताने का मन बना लिया है और मैं गर्व से इतरा रही हूँ कि एक होनहार बच्चे की गौरव गाथा मेरे ब्लोगपटल पर लिखी जाएगी। विश्वनाथ जी , मेरे ब्लोग को ये ईज्जत देने के लिए सहस्त्र नमन और धन्यवाद ।

आलोक जी ने अभी हाल ही में ज्ञान जी की एक पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि हर आदमी अपने आप में एक उपन्यास होता है, हर आदमी के अंदर पांच सात आदमियों की कहानियां छुपी होती हैं। मुझे भी ऐसा ही लगता है। और अगर कहानी एक प्रतिभावान व्यक्ति की हो रही हो तो एक ही पोस्ट में निपटाना उसके साथ और पाठकों के साथ अन्याय होगा, इस लिए मैं आशा करती हूँ कि विश्वनाथ जी नकुल की पूरी कहानी सुनाएगे, सिर्फ़ झलक नहीं दिखलायेगें। विश्वनाथ जी, हम बिल्कुल बोर न होगें, मुझे पूरा विश्वास है कि नकुल की कहानी न सिर्फ़ रोचक होगी बल्कि कइयों के लिए प्रेरणादायक भी होगी। शुरु हो जाइए, हम सुन रहे हैं

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नकुल कृष्णा: एक चमकता सितारा

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मेरे बेटे का नाम है, नकुल कृष्णा, और अगले महीने में वह बाईस साल को हो जाएगा।

बेंगळूरु में St Joseph's College से BA (first class with distinction) पास करने का बाद आजकल उसकी पढ़ाई Oxford University (UK) में जारी है।
२००७ में भारत के पाँच चुने हुए Rhodes Scholars में से वह एक है। इस अन्तर-राष्ट्रीय और बहुत ही प्रतिष्ठित (और साथ ही अत्यंत भारी रकम वाली) छात्रवृत्ति के बारे जानकारी, क्या क्या गुण और योगयताएं होनी चाहिए, कैसे मेरा बेटा नकुल Rhodes Scholar बनने में सफ़ल हुआ, इन सभी विषयों पर काफ़ी कुछ लिखा जा सकता है जो शायद आपको और अन्य पाठकों को रोचक लगे। अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत भी बन सकता है।

एक बाप को अपने बेटे पर गर्व करना स्वाभाविक है और इस विषय पर लिखना मेरे लिए गर्व और खुशी की बात होगी।लेकिन मैं अपना ढिंढोरा पीटना नहीं चाहता।बिना आपके और अन्य मित्रों की सम्मति और प्रोत्साहन मिले, मैं यह प्रोजेक्ट शुरू नहीं करना चाहता।

फ़िलहाल इतना ही कहूँगा कि एक अच्छे विद्यार्थी होने के अलावा, वह एक अच्छा लेखक, नाटककार, कवि, समाज सेवक और शास्त्रीय गायक भी है जिसके बल पर वह Rhodes Scholar बना। बचपन से ही मेरे लिए और मेरी पत्नि के लिए वह एक आदर्श बेटा बनकर रहा है और हमारे परिवार की शान है। ईश्वर की असीम कृपा है हम दोनों पर जो हमें ऐसा बेटा मिला।

उसके और बेंगळूरु से दो अन्य विद्यार्थियों का इस scholarship के लिए चुने जाने की खबर, पिछले साल Times of India के मुखपृष्ठ पर उसकी तसवीर सहित छपी थी. यह तसवीर संलग्न है इस ब्लॉग पोस्ट के साथ।अगर इस पोस्ट को इस तसवीर के साथ आप अपने ब्लॉग पर छापने योग्य समझती हैं तो बड़ी कृपा होगी।
उसके "प्रोफ़ाइल" के साथ, कुछ दिन बाद एक और चित्र इसी अखबार में छपा था जो बाद में भेजूँगा।

आज के लिए बस इतना ही।आपको और हिन्दी जालजगत के मेरे नये मित्रों को शुभकामनाएं।
गोपालकृष्ण विश्वनाथ, जे पी नगर, बेंगळूरु


नकुल की फोटो अगली पोस्ट में दिखाएँगे , लोड नही कर पाए ....:)

10 comments:

Shastri JC Philip said...

समाज के होनहार व्यक्तियों के बारे में पढने से मन को बडी प्रेरणा मिलती है. अगले खंडों का इंतजार रहेगा.

Abhishek Ojha said...

ये तो अच्छी श्रृंखला की शुरुआत हुई... आगे की कड़ियों का इंतज़ार रहेगा.

रंजू भाटिया said...

इन्तजार रहेगा इस को आगे पढने का ....अनीता जी ..

महेन said...

अगली कड़ी का इंतज़ार रहेगा बेसब्री से।
शुभम।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

बजरँग बली हनुमान जी की कृपा से मिले नकुल कृष्णा के बारे मेँ ये शुरुआत बढिया लगी -
विश्वनाथ जी, अब नकुल कृष्णा बेटे के लिये, लडकियोँ के न्योते आने लगेँगे..उसके लिये भी
तैयार रहियेगा - Rhodes scholar = ( रोह्डेज़ स्कोलर) Ex President, बील क्लीँटन जी भी रहे हैँ -- Thank you Anita ji & Vishwanath ji -- please continue ..
regards,
Lavanya

Gyan Dutt Pandey said...

यह बड़ा रोचक है - विश्वनाथ जी बिना ब्लॉग बनाये, शीर्ष ब्लॉगर बन गये हैं। उनके परिचय विविध प्रकार से मिल रहे हैं और आपका ब्लॉग भी उसमें योग दे रहा है।
नकुल के बारे में जानना अच्छा लगा।

ghughutibasuti said...

इतने होनहार बेटे का पिता होने के विश्वनाथजी को बधाई।
घुघूती बासूती

Udan Tashtari said...

नुकुल के बारे में जानना अच्छा रहा और जानने की उत्सुक्ता भी है.

Sanjeet Tripathi said...

बहुत खूब!
अनीता जी इस अच्छी पहल के लिए आपको बधाई व विश्वनाथ जी का शुक्रिया!

a123 said...

what a great idea Anita ji!