मेरी मृगनयनी
बिटिया से दीदी बनने में लगे पांच साल
दीदी से प्रेयसी बनने में लगे बीस साल
प्रेयसी से पत्नी बनने में लगे चौबीस साल
मां बनने में लगे पच्चीस साल
मां से सास बनी जब हुए चौप्पन साल
और अब दादी का संबोधन सुन रही हूँ-सत्तावन साल
:)
मेरे घर आयी एक नन्हीं परी
ओपरेशन थियेटर से बाहर आते ही सब की छवि अपने मन में उतारने को आतुर
कुछ सोच विचार करती मुंह में उंगलिया दबाये
उसे देखते ही मन ने कहा 'मृगनयनी'
माता पिता ने नाम रखा 'तानिशका'
हाथों से किताबें फ़िसल गयी हैं,
कंप्युटर और माउस धूल खा रहे हैं
पहली बार है कि कॉलेज छूटने की घंटी का इंतजार रहता है।
घंटी बजी और हम फ़ुर्रर
बिटिया से दीदी बनने में लगे पांच साल
दीदी से प्रेयसी बनने में लगे बीस साल
प्रेयसी से पत्नी बनने में लगे चौबीस साल
मां बनने में लगे पच्चीस साल
मां से सास बनी जब हुए चौप्पन साल
और अब दादी का संबोधन सुन रही हूँ-सत्तावन साल
:)
दुनिया में पहला कदम, स्वजनों से मिलती पहली बार, |
मेरे घर आयी एक नन्हीं परी
ओपरेशन थियेटर से बाहर आते ही सब की छवि अपने मन में उतारने को आतुर
कुछ सोच विचार करती मुंह में उंगलिया दबाये
उसे देखते ही मन ने कहा 'मृगनयनी'
माता पिता ने नाम रखा 'तानिशका'
हाथों से किताबें फ़िसल गयी हैं,
कंप्युटर और माउस धूल खा रहे हैं
पहली बार है कि कॉलेज छूटने की घंटी का इंतजार रहता है।
घंटी बजी और हम फ़ुर्रर
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